रिश्ते

मम्मी मुझे आपसे बात करनी है श्रुति अपनी मां रश्मिजी से फोन पर बोली…

हां… हां बोल बेटा … रश्मिजी ने कहा

मम्मी आपने कहाँ मेरी शादी करवा दी

ये तो ठीक है मगर बाकी सब …मेरा मतलब देवर ननद सास ससुर सभी मुझे तंग करते है …

वो मेरी ननद संगीता जब देखो भाभी मुझे आपके जैसे दिखना है, लिपस्टिक लगा लूं …भाभी प्लीज मैथ्स मे मेरी मदद करो ना …..

और मेरा देवर अमित भाभी कालेज का प्रोजेक्ट है बताइए ना कैसे करुं ….

भाभीजी एग्जाम मे कैसे क्या पढूं …

उफ्फ परेशान हो गई मै तो …अब ज्यादा पढी हूं तो क्या उनकी टयुटर बन जाऊं…

और मेरे सास ससुर …बेटा ये बना दो वो बना दो …

मुझे और इनको स्पेस नही देते …मे कोई नौकरानी हूं क्या …

रश्मिजी मुसकुराती बोली -बेटा रिश्ते पानी के जैसे होते है जो रंग डालोगी वैसे बनेंगे …..

असल में वो तुमसे स्नेह करते हैं और तुम्हारी काबलियत का सम्मान करते है …

मम्मी आप भी शुरू मत हो जाओ …कोई उपाय बताओ

गुस्से मे श्रुति बोली…

अच्छा एक काम कर ….कहकर रश्मिजी ने कुछ श्रुति को समझाया

अगले दिन श्रुति बिस्तर से नही उठी …

पहले सास ससुर आए फिर देवर ननद …उसने सबसे कहा उसकी तबीयत ठीक नही है ….

कुछ ही देर मे ननद और सास रसोई घर मे नाश्ता और लंच बनाने की तैयारियों मे लग गई बिस्तर पर ही उसके लिए नाश्ता चाय हाजिर हो गया देवर उसके सिर पर बाम लगा रहा था वही ससुर ने अपने फैमिली डाक्टर को बुलवाकर श्रुति का चेकअप करवाया और बढिया से बढिया दवाई लिखने को कहा …

साथ ही इतनी देर मे देवर फल फ्रूट और जूस लेकर हाजिर हो गया ….सबकुछ श्रुति भीगी आँखों से देख रही थी उसे अपनी सोच पर शर्मिंदगी हो रही थी … …

सचमुच मां सच कहती है रिश्ते पानी के जैसे होते है प्यार के रंग डालोगे तो प्यार ही प्यार मिलेगा..

समाप्त |

लेखिका - श्रीमती रूचि गर्ग

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