यहां के सारे लोग पराए हैं घर भी पराया है ना मैं किसी को सही तरीके से जानती हूं

बेटी शादी के बाद से ससुराल ही तुम्हारा घर है, और वही तुम्हारी दुनिया है, तुम्हारे पति के भाई बहन मां अब शादी के बाद से वही तुम्हारे भाई बहन और मां हो जाएंगे। अब तुम यहां की चिंता मत करना अब तुम्हारी दुनिया बदल गई है तुम अपनी दुनिया को समझना।

मैं अपनी मां की बातें आंख बंद करके सुन रही थी और मैंने यह फैसला भी किया कि मैं अपनी मां की हर बात मानूंगी अपने मां बाप का सर कभी भी शर्म से अपने स्वभाव और व्यवहार से नीचा नहीं होने दूंगी। शाम को बारात आई और शादी धूमधाम से हुई और अगले सुबह रागिनी की बिदाई हो गई।

ससुराल जाने के अगले दिन रागिनी ससुराल में अपने कमरे में बैठी थी और यही सोच रही थी मैं कैसे अपने आप को इस माहौल में ढालूंगी।

लेखिका - श्रीमती रूचि गर्ग

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रिश्ते

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